दुर्गा अष्टमी

दुर्गा अष्टमी, जिसे महाअष्टमी भी कहा जाता है, नवरात्रि के आठवें दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। इस दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है, जो शांति, समृद्धि और आरोग्य का प्रतीक मानी जाती हैं。

दुर्गा अष्टमी
दुर्गा अष्टमी

दुर्गा अष्टमी का पौराणिक महत्व:

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस को भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त था कि उसे कोई देवता या मनुष्य नहीं मार सकता। इस वरदान के कारण वह अत्यंत अहंकारी हो गया और स्वर्ग में देवताओं को परेशान करने लगा। देवताओं ने त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश—से सहायता मांगी, जिन्होंने अपनी संयुक्त शक्तियों से देवी दुर्गा का सृजन किया। देवी दुर्गा ने महिषासुर के साथ नौ दिनों तक युद्ध किया और अंततः दसवें दिन उसे पराजित किया। इस विजय को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, और दुर्गा पूजा इसी की स्मृति में आयोजित की जाती है。

मां महागौरी का स्वरूप और महत्व:

मां महागौरी का वर्ण अत्यंत श्वेत है, इसलिए उन्हें ‘श्वेताम्बरधरा’ भी कहा जाता है। उनकी चार भुजाएं हैं, जिसमें वे त्रिशूल, डमरू धारण करती हैं और दो हाथों से अभय और वरदान मुद्रा में रहती हैं। वृषभ (बैल) उनकी सवारी है। माना जाता है कि उनकी पूजा से सभी पापों का नाश होता है और भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है。

दुर्गा अष्टमी की पूजा विधि:

  1. कलश स्थापना: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें।

  2. मां महागौरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें: मां की मूर्ति या चित्र को सफेद वस्त्र पर स्थापित करें और उन्हें सफेद फूल अर्पित करें।

  3. स्नान और श्रृंगार: मां को गंगाजल से स्नान कराएं और सफेद वस्त्र अर्पित करें।

  4. पूजन सामग्री अर्पण: सफेद चंदन, अक्षत, कुमकुम, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से मां की पूजा करें।

  5. मंत्र जाप: मां महागौरी के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती उतारें।

  6. कन्या पूजन: अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें भोजन कराएं और उपहार दें।

कन्या पूजन का महत्व:

अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन नौ कन्याओं को देवी के नौ रूपों का प्रतीक मानकर उनका पूजन किया जाता है। उन्हें भोजन कराना और वस्त्र आदि भेंट करना शुभ माना जाता है, जिससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है。

दुर्गा अष्टमी
दुर्गा अष्टमी

दुर्गा अष्टमी के लाभ:

  • सुख-शांति की प्राप्ति: मां महागौरी की पूजा से घर में सुख और शांति का वास होता है।

  • आरोग्य और समृद्धि: देवी की कृपा से आरोग्य और धन-धान्य की वृद्धि होती है।

  • शत्रुओं पर विजय: मां की उपासना से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं。

विभिन्न राज्यों में दुर्गा अष्टमी का उत्सव:

भारत के विभिन्न भागों में दुर्गा अष्टमी को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है:

  • पश्चिम बंगाल: यहां दुर्गा पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। भव्य पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं。

  • उत्तर भारत: दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि में दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन और जागरण का आयोजन किया जाता है।

  • गुजरात और महाराष्ट्र: यहां गरबा और डांडिया रास का आयोजन होता है, जिसमें लोग पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हैं。

निष्कर्ष:

दुर्गा अष्टमी का पर्व देवी दुर्गा की शक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनकी कृपा का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा-अर्चना से न केवल आध्यात्मिक लाभ होते हैं, बल्कि यह समाज में सांस्कृतिक एकता और समरसता को भी बढ़ावा देता है। मां महागौरी की उपासना से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

अधिक जानकारी के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं:

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